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हिमाचल का एक और जवान वतन पर कुर्बान

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रजत दो माह पहले मां और पत्नी से कह गया था कि जल्द ही दोबारा आऊंगा, लेकिन मां को क्या पता था कि वो जिस बेटे को भारत मां की रक्षा के लिए भेज रही है उससे वह आखिर बार ही मिल रही है।
पत्नी सीमा जिसने रजत के साथ उम्र भर जीने के सपने देखे होंगे उसे क्या पता था कि उसका अपने पति के साथ डेढ़ साल का ही साथ था। उसे अब विधवा का लिबास पहनना होगा।
हिमाचल के कांगड़ा जिले के भौरा के सीआरपीएफ जवान रजत कटोच की मात्र 31 साल की उम्र में हृदय गति रुकने मौत हो गई। रजत अपनी मां का इकलौता सहारा था। रजत के पिता स्वर्गीय इकवाल चंद कटोच भी सीआरपीएफ में तैनात थे। रजत की वीरवार को अचानक तबियत खराब हो गई और चेन्नई में ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई।
शहीद रजत अपने पीछे पत्नी और माता को छोड़ गया है। रजत बचपन से ही पड़ने में काफी होशियार थे। रजत की मौत की खबर सुनते ही गांव में कोहराम मच गया है। ग्राम पंचायत भौरा के प्रधान विनोद कुमार ने इसकी पुष्टि की है। शहीद की पार्थिव देह शुक्रवार देर रात पैतृक गांव भौरा पहुंच गई है।
आज राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा।